Wednesday, October 16, 2019

गांधी: जब बापू को ज़हर देने से पहले रो पड़े बतख़ मियां




 महात्मा गांधी की ज़िंदगी एक खुली किताब की तरह थी. उनका कोई काम सबसे छिपाकर करना, बिना किसी को इत्तिला दिए करना, ये मुमकिन ही नहीं था.

लेकिन इस खुलेपन की वजह से गांधी की ज़िंदगी को ख़तरा भी कम नहीं था. जो इतिहास में दर्ज है उसके हिसाब से उन पर छह बार जानलेवा हमले हुए. छठी बार उनकी जान चली गई और उसके पहले के पांच प्रयास बेकार गए.

पहला हमला 1934 में पुणे में हुआ था. उन्हें एक समारोह में जाना था, तभी वहां लगभग एक जैसी दो गाड़ियां आईं. एक में आयोजक थे और दूसरे में गांधी और कस्तूरबा गांधी यात्रा करने वाले थे. आयोजकों की कार निकल गई और गांधी की कार एक रेलवे फाटक पर रुक गई.

जो कार आगे निकल गई थी, एक धमाके में उसके परखच्चे उड़ गए. गांधी उस हमले में बच गए क्योंकि ट्रेन देर से आई.

1944 में आगा खां पैलेस से रिहाई के बाद गांधी पंचगणी जाकर रुके थे और वहां कुछ लोग उनके ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे थे. गांधी ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन उनमें से कोई बात करने को राज़ी नहीं था. आख़िर में एक आदमी छुरा लेकर दौड़ पड़ा और उसे पकड़ लिया गया. ये हमला भी नाकाम हुआ.

तीसरा हमला

1944 में ही पंचगणी की घटना के बाद गांधी और जिन्ना की बंबई में वार्ता होने वाली थी. मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा के लोग इससे नाराज़ थे. वहां भी गांधी पर हमले की कोशिश हुई, वो भी नाकाम रही.

चौथा हमला
1946 में महाराष्ट्र के नेरूल के पास गांधी जिस रेलगाड़ी से यात्रा कर रहे थे, उसकी पटरियां उखाड़ दी गईं. ट्रेन उलट गई, इंजन कहीं टकरा गया लेकिन गांधी को उसमें कोई खरोंच नहीं आई.
पांचवा हमला
1948 में दो बार हमले हुए. पहले मदनलाल बम फोड़ना चाहते थे वो फूटा नहीं और लोग पकड़े गए. 30 जनवरी 1948 को छठी बार नाथूराम गोडसे ने गोली चलाई और गांधी की जान चली गई.
इसमें एक ख़ास बात ये है कि एक आदमी इन में से चार हमलों की जगह पर मौजूद था. उसका नाम था नाथूराम गोडसे.
लेकिन इन छह हमलों के अलावा गांधी की जान लेने के दो और प्रयास किए गए. वो दोनों प्रयास चंपारण में 1917 में हुए.
महात्मा गांधी मोतिहारी में थे. वहां नील फैक्ट्रियों के मैनेजरों के नेता इरविन ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया और सोचा कि अगर इस दौरान गांधी को खाने-पीने की चीज़ों में कोई ऐसा ज़हर दे दिया जाए जिसका असर कुछ देर से होता हो, तो उनकी नाक में दम करने वाले इस आदमी की जान भी चली जाएगी और उनका नाम भी नहीं आएगा.
ये बात बताई गई इरविन के यहां काम करने वाले बतख़ मियां अंसारी को. बतख़ मियां से कहा गया कि आप वो ट्रे लेकर गांधी के पास जाएंगे. बतख़ मियां का छोटा सा परिवार था, बहुत कम जोत के किसान थे, नौकरी करते थे, उससे काम चलता था, उन्होंने मना नहीं किया. ट्रे लेकर चले गए. लेकिन जब गांधी के पास पहुंचे तो बतख़ मियां की हिम्मत नहीं हुई कि वो ट्रे गांधी के सामने रख दें.
गांधी ने उन्हें सिर उठाकर देखा तो बतख़ मियां रोने लगे. इस तरह सारी बात खुल गई कि उसमें क्या था, क्या होने वाला था.
'कह दो मैं आ गया हूं और अकेला हूं'
ये क़िस्सा महात्मा गांधी की जीवनी में कहीं नहीं है. चंपारण का सबसे प्रामाणिक इतिहास मानी जाने वाली राजेंद्र प्रसाद की किताब में इसका ज़िक्र नहीं है लेकिन लोक स्मृति में बतख़ मियां अंसारी एक सेलिब्रेटेड आदमी हैं और कहा जाता है कि वो न होते तो इस देश का इतिहास क्या होता.
बतख़ मियां का कोई नामलेवा नहीं बचा, उनको जेल हो गई. उनकी ज़मीनें नीलाम हो गईं. 1957 में राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति थे. वो मोतिहारी गए. वहां एक जनसभा में उन्होंने भाषण दिया. उन्हें लगा कि वो दूर खड़े एक आदमी को पहचानते हैं. उन्होंने वहीं से आवाज़ लगाई- बतख़ भाई, कैसे हो?
बतख़ मियां को मंच पर बुलाया और ये क़िस्सा लोगों को बताया और उनको अपने साथ ले गए. बाद में बतख़ मियां के बेटे जान मियां अंसारी को उन्होंने कुछ दिन के लिए राष्ट्रपति भवन में बुलाकर रखा.
साथ में राष्ट्रपति भवन ने बिहार सरकार को एक ख़त लिखा कि चूंकि उनकी ज़मीनें चली गई हैं, तो उन्हें 35 एकड़ ज़मीन मुहैया कराई जाए. ये बात 65 साल पुरानी है. वो ज़मीन बतख मियां के ख़ानदान को आज तक नहीं मिली है. जब मैंने वहां के एक ज़िलाधिकारी से पूछा तो उन्होंने कहा कि इस पर फ़ाइल चल रही है.
एक क़िस्सा और है. जब चंपारण में गांधी की हत्या की ये कोशिश नाकाम हो गई तो एक और अंग्रेज़ मिल मालिक था, उसे बहुत ग़ुस्सा आया.
उसने कहा कि गांधी अकेले मिल जाएं तो मैं गोली मार दूंगा. ये बात गांधी तक पहुंच गई. गांधी उसी के इलाक़े में थे. अगली सुबह गांधी अपनी सोंटी लिए हुए उसकी कोठी पर पहुंच गए. उन्होंने वहां चौकीदार से कहा कि उन्हें बता दो कि मैं आ गया हूं और मैं अकेला हूं. कोठी का दरवाज़ा नहीं खुला और वो अंग्रेज़ बाहर नहीं निकला.




Tuesday, October 15, 2019

भगवान शिव के 2 नहीं 6 पुत्र थे.




हम सभी भगवान् शिव और पार्वती के दो पुत्र कार्तिक और गणेश की ही कथा सुनते आये हैं.

लेकिन शिव और पार्वती के विवाह और उनसे होने वाले पुत्र के पीछे भी रोचक कहानी हैं.

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान्  विष्णु का विवाह ब्रह्म देव के पुत्र भृगु की पुत्री लक्ष्मी से हुआ था. वहीँ ब्रह्मा के दुसरे पुत्र दक्ष की पुत्री सती का विवाह भगवान् शिव से हुआ था. लेकिन सती ने आग में कूद कर स्वयं को भस्म कर लिया था.

तो सवाल ये है कि शिव के पुत्र कैसे हुए?


सती की मृत्यु के बाद सती ने अपना दूसरा जन्म पर्वतराज हिमालय के यहाँ उमा के रूप में लिया था, जिससे भगवान शिव का विवाह हुआ और हिमालय की पुत्री उमा ही ‘पार्वती’ के नाम से जानी गयी. शिव पार्वती के विवाह के बाद उनका गृहस्थ जीवन शुरू हुआ और उन्हें पुत्र प्राप्त हुए.

 1.  गणेश-


भगवान् गणेश के जन्म के पीछे की एक कहानी तो हम सब ने सुनी हैं कि माता पार्वती ने अपने उपटन और चन्दन के मिश्रण से गणेश की उत्पत्ति की और उसके बाद स्नान करने गयी थी. माता पार्वती ने गणेश को यह आदेश दिया था, कि स्नान करते तक वह किसी को घर में प्रवेश न करने दे. कुछ देर में भगवान् शिव आये जिन्हें गणेश ने घर के भीतर जाने से रोक दिया. इस बात से क्रोधित भगवान शिव ने गणेश का सर धढ़ से अलग कर दिया. अपने पुत्र की मृत्य से पार्वती बहुत नाराज़ हुई. माता पार्वती के गुस्से को शांत करने के लिए भगवान् शिव ने कटे सर की जगह हाथी के बच्चे का सर लगा कर गणेश को पुनःजीवित किया.

2.  कार्तिक-


स्कन्द पुराण की रचना कार्तिक के चरित्र पर किया गयी थी. कहते हैं कि सती की मृत्यु के बाद भगवान् शिव दुखी हो कर लम्बी तपस्या में बैठ गए थे, जिससे विश्व में दैत्यों का आतंक पूरी दुनिया में बढ़ गया था. सभी देवता इससे परेशान हो कर भगवान् ब्रह्मा के पास उपाय मांगने गए उसी वक़्त ब्रह्म देव ने कहा था कि शिव और पार्वती से जन्मा पुत्र इस समस्या का समाधान करेगा और शिव पार्वती के विवाह के बाद कार्तिक का जन्म हुआ था.

3.  सुकेश-


यह शिव पार्वती का तीसरा पुत्र था. लेकिन असल में सुकेश शिव पार्वती का नहीं विदुय्त्केश और सालकंठकटा का पुत्र था जिसे दोनों ने लावारिश छोड़ दिया था. हेती-प्रहेति नाम के दो राक्षस राज हुए थे, उसमे से हेती का पुत्र विदुय्तकेश था. भगवान् शिव और पार्वती जब इस बालक को ऐसे असुरक्षित पाया तो अपने साथ ले आये और उस बालक का पालन पोषण किया था.

4.  जलंधर-


जलंधर भगवान् शिव से निकला चौथा पुत्र था. कहते हैं कि भगवान शिव ने अपना तेज़ समुद्र में फेक दिया था जिससे जलंधर का जन्म हुआ था. उसमे भगवान शिव के समान ही शक्ति थी और अपनी पत्नी वृंदा के पतिव्रता धर्म के कारण वह इतना शक्तिशाली हो गया था कि उसने इंद्र को भी हरा कर तीनों लोकों में अपना कब्ज़ा जमा लिया था. तीन लोक के बाद उसने विष्णु को हरा कर बैकुंठ धाम पर भी अपना अधिकार चाहता था पर लक्ष्मी जी को अपनी बहन स्वीकारने के बाद वह बैकुंठ धाम से कैलाश को जीतने चला गया था. भगवान् शिव और जलंधर के बीच हुए युद्ध में जब उस पर किसी तरह के वार का असर नहीं हो रहा था तब भगवान विष्णु ने जलंधर की पत्नी वृंदा का पतिव्रत धर्म तोड़ कर उसकी मृत्यु सुनिश्चित की थी.

5.  अयप्पा-


अयप्पा भगवान् शिव और मोहिनी का रूप धारण किये भगवान विष्णु का पुत्र था. कहते हैं कि जब भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया था तो उनकी मादकता से भगवान शिव का वीर्यपात हो गया था और उस वीर्य से इस बालक का जन्म हुआ. दक्षिण भारत में अयप्पा देव की पूजा अधिक की जाती हैं. अयप्पा देव को ‘हरीहर पुत्र’ के नाम से भी जाना जाता हैं.

भगवान शिव और पार्वती की कहानी (Shiva Story In Hindi)




6.  भूमा-


कहते हैं कि भगवान् एक बार जब तपस्या कर रहे थे तब उनके शरीर से पसीने की बुँदे धरती पर गिरी थी. इन बूदों से पृथ्वी ने एक चार भुजाओं वाले बालक को जन्म दिया था. जो भूमा के नाम से जाना गया. बाद में यही भूमा मंगल लोक के देवता के नाम सी भी जाना गया. Read : Shiv Chalisa In Hindi

भगवान् शिव के इन 6 पुत्रों के अलावा कई पुत्र हुए, पर सबसे अधिक कथाएँ इन्ही पुत्रों को लेकर बनी और प्रचलित हुई.

भारत के कुछ अजब-गजब कानून जिनके बारे में शायद ही आप जानते होंगे ?






भारत में कुछ अजीब और गजब कानून हैं जिनके बारे में शायद ही आप जानते होंगे। आपको बता दें कि ऐसे अजब-गजब कानून न केवल हास्यापद हैं बल्कि वर्तमान सामाजिक सामाजिक परिदृश्य में भी इनका कोई मतलब नहीं हैं।

19वीं शताब्दी के भारतीय समाज के सांस्कृतिक मानदंडों के अनुसार अंग्रेजों द्दारा बनाए गए ज्यादातर कानून काफी सख्त और अजीब हैं। इन कानूनों में वाकई संशोधन करने की जरूरत है।
हालांकि ऐसा नहीं है कि भारत में इन कानूनों पर गौर नहीं किया गया हो इनमें काफी हद तक बदलाव भी किए गए हैं लेकिन फिर भी कई कानून ऐसे हैं जो आज भी हैं।  आज हम आपको भारत के उन्हीं अजब-गजब कानूनों – Weird Laws in India के बारे में बताएंगे जो कि इस प्रकार हैं।

भारत के कुछ अजब-गजब कानून जिनके बारे में शायद ही आप जानते होंगे ? – Weird Laws in Indiaभारतीय दण्ड संहिता की धारा, 309

इस धारा के तहत बनाया गया कानून वाकई अटपटा है आप खुद ही सोचिए भला कोई आत्महत्या करने से पहले ये सोचेगा कि अगर वो आत्महत्या करने में सफल नहीं रहा तो उसे सजा भुगतनी पड़ सकती है।

जी हां आईपीसी की धारा 309, आत्महत्या करने की कोशिश के अपराध के दायरे मे आती है। आपको बता दें कि इस कानून को ब्रिटिश काल में ही यानि कि जब भारत गुलामी का दंश झेल रहा था तभी भारतीय दंड संहिता में शामिल किया गया था।

लेकिन हैरानी कि बात तो ये है कि आजादी मिलने के बाद भी ये कानून भारतीय संविधान में शामिल रहा था जिसे हटाने की भी बार-बार कोशिश की गई थी।

आपको बता दें कि विधि योग ने सबसे पहले 1961 को इस धारा को हटाने की सिफारिश की थी लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला फिलहाल इसके तरह आत्महत्या की सजा का भी प्रावधान है।

दरअसल भारतीय कानून मानता है कि मनुष्य के शरीर में उसके हक के अलावा उसके परिवार वालों का हक भी है।

आपको बता दें कि इस धारा के मुताबिक जो शख्स आत्महत्या करने की कोशिश करेगा उसके तहत उसे 1 साल तक की जेल की सजा होगी साथ ही उसे आर्थिक दंड भी देना होगा। वहीं ये आत्महत्या का अपराध समझौता योग्य नहीं है।

भारतीय वयस्कता अधिनियम, 1875

ये कानून भी काफी अजब और हास्यपद है दरअसल इस कानून के मुताबिक एक आदमी को शादी करने के लिए 21 साल का होना जरूरी है। वहीं इस कानून में हास्यपद बात यह है कि कोई भी शख्स किसी बच्चे को गोद लेकर बाप बनना चाहता है तो वह ऐसा 18 साल की उम्र में भी कर सकता है। भारत के इस तरह के कानून जिनका कोई बोध नहीं है और ये वाकई अजब-गजब हैं।

भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898
आपको भारत के इस कानून के बारे में भी जानकर हैरानी होगी क्योंकि इस अजीब कानून के मुताबिक सिर्फ भारत सरकार ही पत्र वितरितत कर सकती थी।

हैरानी की बात यह है कि इस कानून के तहत भारत में सभी तरह की कूरियर कंपनियों का बिज़नेस गैर कानूनी था। ये हास्यपद भी है कि कबूतरों के माध्यमों से पत्र भेजना भी गैर कानूनी था। लेकिन अब इस नियम को बदल दिया गया है।

भारतीय खजाना निधि अधिनियम, 1878

क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आपको कभी आते-जाते सड़क में नोट पड़ा मिलता है तो आपको इस कानून के तहत उस शख्स को ढूंढना होगा नहीं तो मिले हुए नोट की जानकारी अपने इलाके के पुलिस थाने में ही देनी पड़ेगी।

पूर्वी पंजाब कृषि कीट, रोग और हानिकारक खरपतवार लॉ, 1949
भारत का ये कानून भी काफी अटपटा है अगर आप दिल्ली के निवासी हैं और अपने शहर में बढ़ती टिड्डियों की समस्या से परेशान हो गए हैं तो इसके लिए आपको सड़क पर ड्रम बजाने के लिए बुलाया जा सकता है।

ये सुनने में वाकई काफी अटपटा हैं वहीं हैरानी की बात तो यह कि अगर आपने इस आदेश का पालन करने से मना कर दिया तो आपके ऊपर 50 रुपये का जुर्माना या कम से कम 10 दिनों की जेल हो सकती है।

भारतीय मोटर वाहन लॉ, 1914

क्या कभी आप सोच सकते हैं कि आपके गंदे दांत और फिर आपके पैरों की टेड़ी उंगलियां की वजह से आपको अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।

लेकिन हकीकत यही है कि भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक अगर आपके दांत चमकदार नहीं है और आपके पैंरों की उंगलियां टेड़ी हैं तो आपको नौकरी से निकाल दिया जाएगा।

विद्रोहात्मक बैठक निवारण अधिनियम, 1911

विद्रोहात्मक बैठक निवारण अधिनियम भी भारत के अजीब-गरीब कानून में से एक है। ये कानून भी अंग्रेजों का जमाने में बनाया गया कानून हैं। इसके मुताबिक भारत के किसी भी हिस्से में विद्रोहात्मक या फिर उत्तेजक बैठकों के बारे में रोकना था।

भारत के इस अजीब कानून के मुताबिक एक ही जगह पर 20 से ज्यादा व्यक्तियों का नाचना भी प्रतिबंधित था। वहीं भारत सरकार ने इस नियम को हटा दिया है और अब सभी को शांतिपूर्ण तरीके सरकार ने इस नियम को हटा दिया है। और अब सभी लोग  शांतिपूर्ण तरीके से सभा कर सकते हैं ।

शराब पीने का अजब-गजब कानून :

जैसे कि हम सभी जानते हैं कि आज के युवा नशे की जकड़ में है। उनके लिए पार्टी का मतलब शराब पीना बन गया है। बर्थडे पार्टी, शादी  या फिर किसी खास दिन का जश्न लोग शराब पीकर मनाते हैं।

शराब का इस्तेमाल शराब की खरीद के लिए कानूनी आयु के संबंध में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कानून होते हैं।

जहां एक तरफ गुजरात, बिहार, मणिपुर और नागालैंड, लक्षद्वीप में शराब पीने पर पूरी तरह पाबन्दी है वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र,हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, गोवा, पुडुचेरी और सिक्किम में शराब पीने की उम्र 18 साल है जबकि राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में 21 साल और दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में 25 साल है।

कानून यह मान रहा है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग अलग-अलग उम्र में वयस्क होते हैं जो कि काफी अटपटा है।

भारत के ऐसे अजीब-गरीब कानूनों का न कोई मतलब है और न ही इसका समाज में कोई महत्व इसलिए इन कानूनों में संशोधन करने या हटाने की जरूरत है ।

कानून जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी है



Monday, October 14, 2019

Ritesh Agarwal Story: A passion converting into billions - Scoop hike

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Ritesh Agarwal Story: An energy changing over into billions

As per different reviews, it has been noticed that 30 is the age to wind up fruitful. Or then again by 30 you arrive at your prosperity. Indeed, age is only a number, and it doesn’t characterize an individual’s capacity or possibilities. Ritesh Agarwal story has changed this age bar situation. As he is 25years old with a total assets of 3500 crores.



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What is CAPTCHA? A definition from Scoophike.com - Scoop hike

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What is Captcha



CAPTCHA (Completely Automated Public Turing Test to Tell Computers and Humans Apart)



A CAPTCHA is a sort of test reaction framework intended to separate people from robotic software programs. CAPTCHAs are utilized as security checks to discourage spammers and programmers from utilizing structures on site pages to embed noxious or pointless code



What is CAPTCHA? A definition from Scoophike.com - Scoop hike: This definition explains the meaning of CAPTCHA, a challenge-response test designed to differentiate between human and robotic software programs.

What is NFC and why should I use it? - Scoop hike

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What is NFC and why one should use it
NFC innovation is picking up steam internationally on account of its numerous commonsense applications. Be that as it may, what is it precisely, and how can it work? We answer all your consuming inquiries in this article, clarifying what NFC implies, what you can do with NFC in your Android telephone, your smartwatch, and even with NFC labels 

What is NFC?
NFC represents Near
Field Communication
. Basically, it's a route for your telephone to connect
with something in closeness. It works inside a sweep of around 4 cm and gives a
remote association between your gadget and another. This takes into
consideration two-path correspondence, with the two gadgets included having the
option to send and get data. This NFC association doesn't depend on Wi-Fi, 3G,
LTE or something else, and it doesn't cost anything to utilize
While it's a
few seconds ago getting to be prominent in the States, in the event that you
live in the UK, you have presumably been utilizing NFC throughout recent years
without acknowledging it. Do you know those three bended lines on your credit
or plastic that enable you to make contactless installments pretty much
wherever nowadays? All things considered, that is NFC. The primary high road
retail chain to present was Eat, return in 2008. Presently, a similar
innovation is accessible is most Android cell phones, which means you can
utilize administrations, for example, Google Pay to digitalize your entire
wallet 




What is NFC and why should I use it? - Scoop hike: What does NFC stand for and what does it mean on your smartphone or smartwatch. In this article, we'll explain the NFC definition and uses.