Tuesday, April 14, 2020

Surya chalisa in hind

 



॥दोहा॥
कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग,
पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥
॥चौपाई॥

जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥
भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!, सविता हंस! सुनूर विभाकर॥ 1॥
विवस्वान! आदित्य! विकर्तन, मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥
अम्बरमणि! खग! रवि कहलाते, वेद हिरण्यगर्भ कह गाते॥ 2॥
सहस्त्रांशु प्रद्योतन, कहिकहि, मुनिगन होत प्रसन्न मोदलहि॥
अरुण सदृश सारथी मनोहर, हांकत हय साता चढ़ि रथ पर॥3॥
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मंडल की महिमा अति न्यारी, तेज रूप केरी बलिहारी॥
उच्चैःश्रवा सदृश हय जोते, देखि पुरन्दर लज्जित होते॥4
मित्र मरीचि, भानु, अरुण, भास्कर, सविता सूर्य अर्क खग कलिकर॥
पूषा रवि आदित्य नाम लै, हिरण्यगर्भाय नमः कहिकै॥5॥
द्वादस नाम प्रेम सों गावैं, मस्तक बारह बार नवावैं॥
चार पदारथ जन सो पावै, दुःख दारिद्र अघ पुंज नसावै॥6॥
नमस्कार को चमत्कार यह, विधि हरिहर को कृपासार यह॥
सेवै भानु तुमहिं मन लाई, अष्टसिद्धि नवनिधि तेहिं पाई॥7॥

Pratapchand aur kamlacharan premchand story

प्रतापचन्द्र और कमलाचरण – मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Pratapchand aur kamlacharan premchand story


प्रतापचन्द्र को प्रयाग कालेज में पढ़ते तीन साल हो चुके थे। इतने काल में उसने अपने सहपाठियों और गुरुजनों की दृष्टि में विशेष प्रतिष्ठा प्राप्त कर ली थी। कालेज के जीवन का कोई ऐसा अंग न था जहाँ उनकी प्रतिभा न प्रदर्शित हुई हो। प्रोफेसर उस पर अभिमान करते और छात्रगण उसे अपना नेता समझते हैं। जिस प्रकार क्रीड़ा-क्षेत्र में उसका हस्तलाघव प्रशंसनीय था, उसी प्रकार व्याख्यान-भवन में उसकी योग्यता और सूक्ष्मदर्शिता प्रमाणित थी। कालेज से सम्बद्व एक मित्र-सभा स्थापित की गयी थी। नगर के साधारण सभ्य जन, कालेज के प्रोफेसर और छात्रगण सब उसके सभासद थे। प्रताप इस सभा का उज्ज्वल चन्द्र था। यहां देशिक और सामाजिक विषयों पर विचार हुआ करते थे।
प्रताप की वक्तृताऍं ऐसी ओजस्विनी और तर्क-पूर्ण होती थीं की प्रोफेसरों को भी उसके विचार और विषयान्वेषण पर आश्चर्य होता था। उसकी वक्तृता और उसके खेल दोनों ही प्रभाव-पूर्ण होते थे। जिस समय वह अपने साधारण वस्त्र पहिने हुए प्लेटफार्म पर जाता, उस समय सभास्थित लोगों की आँखे उसकी ओर एकटक देखने लगती और चित्त में उत्सुकता और उत्साह की तरंगें उठने लगती। उसका वाक्चातुर्य उसक संकेत और मृदुल उच्चारण, उसके अंगों-पांग की गति, सभी ऐसे प्रभाव-पूरित होते थे मानो शारदा स्वयं उसकी सहायता करती है। जब तक वह प्लेटफार्म पर रहता सभासदों पर एक मोहिनी-सी छायी रहती। उसका एक-एक वाक्य हृदय में भिद जाता और मुख से सहसा ‘वाह-वाह!’ के शब्द निकल जाते। इसी विचार से उसकी वक्तृताऍं प्राय: अन्त में हुआ करती थी क्योंकि बहुतधा श्रोतागण उसी की वाक्तीक्ष्णता का आस्वादन करने के लिए आया करते थे। उनके शब्दों और उच्चारणों में स्वाभाविक प्रभाव था। साहित्य और इतिहास उसक अन्वेषण और अध्ययन के विशेष थे। जातियों की उन्नति और अवनति तथा उसके कारण और गति पर वह प्राय: विचार किया करता था। इस समय उसके इस परिश्रम और उद्योग के प्ररेक तथा वर्द्वक विशेषकर श्रोताओं के साधुवाद ही होते थे और उन्हीं को वह अपने कठिन परिश्रम का पुरस्कार समझता था।

When dinosaurs show up in Rajasthan's fields



When dinosaurs show up in Rajasthan’s fields : जैसा कि हम जानते है कि लगभग 16 करोड़ वर्ष तक पृथ्वी के सबसे प्रमुख स्थलीय कशेरुकी जीव डायनासोर थे। डायनासोर यूनानी भाषा है, जिसका अर्थ बड़ी छिपकली होता है। उन्नीसवीं सदी में पहला डायनासोर जीवाश्म मिलने के बाद से डायनासोर के टंगे कंकाल दुनिया भर के संग्रहालयों में प्रमुख आकर्षण बन गए हैं तथा डायनासोर दुनियाभर में संस्कृति का एक हिस्सा बन गये हैं और लगातार इनकी लोकप्रियता बढ़ रही है। ऐसे में यह विलुप्त जीव एक बार फिर देखा गया, जी हां, राजस्थान के खेतों में इस जीव को देखा गया है। चलिए हम आपको बताते है इस वीडियो की सच्चाई।

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमे राजस्थान के जोधपुर जिले के बिलाड़ा गांव के  खेत में विशालकाय डायनासोर को देखा गया है। इस वायरल वीडियो को शिवजी सिरवी नाम के शख्स ने शेयर किया है तथा साथ ही साथ उसने इस वीडियो को अधिक से अधिक शेयर करने को कहा है, हालाँकि इस वीडियो की सच्चाई अब सामने आ चुकी है ।
वीडियो को यदि आप ध्यान से सुनेगे तो आप सुन सकते है, कि इस वीडियो में कोई शख्स कह रहा है कि ये वीडियो पंजाब के तरणताल शहर का है अर्थात इस वीडियो में राजस्थान के खेतों के होने का दावा झूठा है। तो आपको एक बात और बता दें कि यह वीडियो तो असली है, परन्तु इस वीडियो में जो डायनासोर दिख रहा है, वो  नकली है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब वीडियो को ज़ूम करके देखा गया, तब पाया कि डायनासोर के पंजों के निशान खेत में कही भी नजर नहीं आ रहे हैं यानी कि पहले खेत का वीडियो बनाया गया फिर डायनासोर को उस पर ऐड (जोड़ा) किया गया । दरअसल महंगे फ़ोन में इस तरह की एप्प आती है, जिनके द्वारा आप इस तरह की एडिटिंग कर सकते है।

Holi Festival or Lathmar holi 2020 significance, Katha, History in Hindi





Holi Festival or Lathmar holi 2020 significance, Katha, History in Hindi : बुराई पर अच्छाई की जीत के जश्न का दूसरा नाम है होली का त्यौहार, जिसमे रंगों एवम फूलों से जश्न मनाने की रीत सदियों से चली आ रही है। मुख्यता यह त्यौहार दो दिन तक चलता है, पहला दिन होलिका दहन और दूसरा धुलेंडी का। धुलेंडी के दिन ही रंगो से खेला जाता है। इस त्यौहार का मुख्य उद्देश्य दिल में भरे आपसी द्वेष को भूलना होता है, जिसके चलते हमे आपसी बैर को छोड़कर अपनों को गले लगा लेना चाहिए। खुलासा डॉट इन में जानिए होली का महत्व, इसका इतिहास और होलिका की कथा। साथ ही पढ़िए अलग अलग देशों में होली के त्योहार (Holi 2020) के बारे में विस्तार से।

भारत में फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है तथा चैत्र की प्रथमा के दिन रंग खेला जाता हैं। मगर क्या आप जानते है कि होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा हैं –

होली की कथा (Story of Holi Festival)

पौराणिक कथा के अनुसार, शक्तिशाली राजा हिरण्यकश्यप था, वह खुद को भगवान मनाता था और चाहता था कि हर कोई भगवान की तरह उसकी पूजा करें। वहीं अपने पिता के आदेश का पालन न करते हुए हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रहलाद ने उसकी पूजा करने से इंकार कर दिया और उसकी जगह भगवान विष्णु की पूजा करनी शुरू कर दी। इस बात से नाराज हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को कई सजाएं दी जिनसे वह प्रभावित नहीं हुआ।

Blank Box Office Collection Day 1


Blank Box Office Collection Day 1



 Akshay - Shilpa thanked Corona Warriors heartily

  • बॉलीवुड के कई स्टार कर रहे चुके है कोरोना वॉरियर्स का दिल से शुक्रिया
  • #dilsethankyou सोशल मीडिया पर करने लगा है ट्रेंड
मुंबई, 12 अप्रैल (एजेंसी)। जहाँ हम लोग कोरोनो वायरस के प्रकोप से बचने के लिए घरो में खुद को कैद कर चुके है, वहीँ कोई ऐसा भी है जो इस संकट की घड़ी में भी अपना फर्ज निभाते हुए इस मुश्किल से लड़ रहे हैं,  ऐसे ही लोगों को कोरोना वॉरियर्स का टाइटल दिया गया है । बॉलीवुड के खिलाड़ी कुमार अक्षय कुमार और शिल्पा शेट्टी ने सोशल मीडिया के माध्यम से कोरोना वारियर्स का तहेदिल से शुक्रियां अदा किया है। इससे पहले भी कई बॉलीवुड स्टार इन लोगों का शुक्रिया अदा कर चुके है ।

Blank Movie Review in hindi : सनी देओल के फैन्स के लिए तोहफा है फिल्म ‘ब्लैंक’, करण कपाड़िया का अच्छा डेब्यू


Blank Movie Review In Hindi

  • फिल्म: BLANK
  • कलाकार: Sunny Deol, Karan Kapadia and Ishita Dutta
  • निर्देशक: Behzad Kambata
राजेश खन्ना स्टारर अनुरोध से अपने बॉलीवुड सफ़र की शुरुआत करने वाली सिंपल कपाडिया चक्रव्यूह, मन पसंद, लूटमार और ज़माने को दिखाना है जैसी सुपरहिट फिल्मों में आने के बावजूद बॉलीवुड में कुछ खास नहीं कर पायी है, शायद इसका एक कारण अनुरोध को छोड़कर सभी फिल्मों में सेकंड लीड का चयन था।
खैर अब सिंपल के बेटे करण कपाड़िया बॉलीवुड में फिल्म ब्लैंक से बतौर नायक शुरुआत कर चुके हैं और उनकी मेहनत दिखाई भी देती हैं। अक्सर देखा गया है कि जब भी कोई स्टार-सन बॉलीवुड में एंट्री करता है तो रोमांटिक हीरो के तौर पर वो पहली फिल्म का चयन करता है, परन्तु करण यहाँ ऐसा बिलकुल नहीं करते।

फिल्म की कहानी हनीफ के किरदार के चारों तरफ घूमती है । मकसूद नामक आतंकवादी हनीफ को मानव बम बनाकर पूरे शहर को टारगेट करता है । हनीफ कुछ कर पाए उससे पहले उसका एक्सीडेंट हो जाता है जिसमे वो अपनी याद्दाश्त खो देता है ।
एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड के चीफ़ सिद्धू दीवान अपनी टीम हुस्ना और रोहित के साथ इस मामले से जुड़ जाते हैं । जिसके बाद कई ट्विस्ट और टर्न कहानी को रोचक मोड़ तक ले जाती है। सिद्धू दीवान हनीफ के सच से कैसे रु-ब-रु होता है यहीं फिल्म का क्लाइमेक्स है जिसे देखने के लिए आपको सिनेमाघर जाना होगा।
सनी देओल ने शायद अपने डूबते करियर को जान लिया था जिसके चलते उन्होंने राजनितिक पार्टी की तरफ रुख किया। यहाँ भी वहीँ है जो हम सनी की फिल्मों में सदियों से देखते आये हैं, वो अकेले ही कई आतंकवादियों को मौत के घाट उतार देते हैं, हालाँकि कुछ दृश्य में सनी ये भी ज़ाहिर करते हैं कि अभी भी उनमे दमखम बाकी है। शायद यहाँ सारा दोष निर्देशकों का है जो हमेशा उन्हें उनके पुराने फ्लेवर में पेश करने के चक्कर में सनी को उभरने नहीं देते। करण कपाडिया ने अपनी पहली ही फिल्म से ज़ाहिर कर दिया है कि वो लम्बी रेस के घोड़े हैं मगर फिल्मों के चयन में उन्हें सावधानी बरतनी होगी।
इशिता दत्ता और करणवीर शर्मा भी प्रभावित करते हैं। बेहजाद खंबाटा का निर्देशन अच्छा है मगर थोड़ी और मेहनत उनके कार्य को बेहतरीन बना सकता था। फिल्म का फर्स्ट हाफ बेहद ही रोचक और बांधे रखने में सफल है परन्तु सेकंड हाफ कमजोर है, जिस पर खंबाटा को और ध्यान देना चाहिए था। बहराल सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों की लिस्ट में एक नाम और जुड़ गया है।


Sanjay Gandhi biograhphy in hindi : एक विवादित राजनेता लेकिन लोकप्रिय शख्सियत संजय गांधी






Sanjay Gandhi biograhphy in hindi: भारत के एक राजनेता संजय गांधी भारत की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के छोटे पुत्र थे। उनकी पत्नी मेनका गांधी और उनके पुत्र वरुण गांधी है। अल्पायु में ही एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में उनकी मौत हो गयी थी, उस वक़्त उनकी उम्र 33 वर्ष थी ।

संजय गांधी का जन्म 14 दिसम्बर 1946 को नयी दिल्ली में हुआ था तथा इनकी माता का नाम इंदिरा गांधी और पिता का नाम फिरोज गांधी था। इनके बड़े भाई का नाम राजीव गांधी था तथा दोनों भाइयों ने अपनी प्रारम्भिक पढाई वेल्हम बॉयज स्कूल, देहरादून से तथा दून स्कूल, देहरादून से पूरी करी है । इसके बाद इंग्लैंड के क्रेवे में उन्होंने 3 साल तक ऑटोमोटिव इंजिनियर में अप्रेंटिसशिप भी की थी । स्पोर्ट्स कारों में रुचि रखने वाले संजय के पास पायलट का लाइसेंस भी था।
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कैबिनेट ने 1971 में “लोगो की कार” बनाने का निर्णय लिया, जिसे भारत के मध्यम-वर्गीय लोग आसानी से खरीद सकें और इसी कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए जून 1971 में मारुती मोटर्स लिमिटेड कंपनी की स्थापना की गयी, जिसे मैनेजिंग डायरेक्टर संजय गाँधी बने।

हालाँकि उन्हें इस क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं था, फिर भी उन्होंने बहुत से प्रस्ताव बनाकर कारपोरेशन को सौपे, परिणामस्वरूप उन्हें कार बनाने का कॉन्ट्रैक्ट मिल गया | परन्तु इस कॉन्ट्रैक्ट में ज्यादा मात्रा में कार के उत्पादन करने का लाइसेंस जारी किया गया था, जिसका विरोध भी हुआ |
1971 के बांग्लादेश लिबरेशन वॉर और पाकिस्तान पर जीत हासिल करने के बाद इस निर्णय को गलत मान लिया गया । इसके बाद काफी बड़ा समूह संजय के खिलाफ हो गया था, साथ ही साथ संजय पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे । परन्तु संजय ने हार नहीं मानी और इसके बाद बिना किसी सहयोग के वॉक्सवैगन AG से बात की, परन्तु बात नहीं बनी ।
धीरे धीरे संजय राजनीति में सक्रिय होते गये और दूसरी और मारुती का वह प्रोजेक्ट डूबता गया। 1977 में ‘मारुती लिमिटेड’ को बंद कर दिया गया। संजय गांधी ने बढती हुई जनसँख्या को रोकने के लिए अनिवार्य रोगाणुनाशक के कार्यक्रम का आयोजन 1976 में किया और एक बार फिर जनता ने उनका जमकर विरोध किया।
जब सूचना विभाग की गतिविधियों को संजय नियंत्रित कर रहे थे, तो इन्द्र कुमार गुजराल सुचना एवं प्रसारण विभाग के प्रमुख थे । पर कहा जाता है कि संजय के आदेशों को मानने से इंकार करने के बाद गुजराल को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था । गुजराल के इस्तीफे के बाद इस पद पर विद्या चरण शुक्ला को नियुक्त किया गया, जो कि संजय के बेहद करीब थे । एक बार भारतीय युवा कांग्रेस के एक कार्यक्रम में बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार ने गाना गाने से मना किया तो इनके आदेश पर किशोर के गानों को  ऑल इंडिया रेडियो पर बैन कर दिया गया था ।
मार्च 1977 भारतीय पार्लिमेंट के चुनाव में संजय पहली बार खड़े हुए और उन्हें मुंह की खानी पड़ी, हालाँकि अगले चुनाव में संजय ने अमेठी से कांग्रेस को जीता दिया था। मृत्यु से पूर्व उनकी नियुक्ति कांग्रेस पार्टी के जनरल सेक्रेटरी के पद पर की गयी थी।
विवादों में रहने वाले संजय गांधी हकीकत में एक लोकप्रिय राजनेता थे, जिन्होंने भारतीय राजनीति को अपनी सोच और कार्यों से प्रभावित कर रखा था। साथ ही साथ वो ऐसे पहले भारतीय राजनेता थे जो देश के लिए कुछ अलग करना चाहते थे उन्होंने ने जो योजनाए दी थी यदि उन्हें सही तरीके से लागू किया जाता तो निश्चित रूप से आज देश का कायाकल्प हो जाता।

WAR Full Movie Leaked Online to Download: Tamilrockers






Tamilrockers Leaks War Full Movie Online to Download: 2 अक्तूबर को गांधी जयंती के दिन सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म वार को तमिलरॉकर्स ने निशाना बन लिया। रिलीज के चंद घंटों के भीतर ही फिल्म ऑनलाइन लीक कर दी गई।

Tamilrockers Leaks War Full Movie online to download: ऋतिक रोशन (Hritik roshan) और टाइगर श्रॉफ (Tiger shroff) की फिल्म वॉर रिलीज के पहले ही दिन तमिलरॉकर्स वेबसाइट (Tamilrockers website) पर लीक हो गई। तमिलरॉकर्स ने इस फिल्म का एचडी (HD) वर्जन लीक किया है जिसे डाउनलोड (Download) करके लोग देख रहे हैं। इस फिल्म के ऑनलाइन लीक हो जाने से निर्माताओं को भारी झटका लगा है।
बता दें कि ऋतिक (Hritik roshan) और टाइगर श्रॉफ (Tiger shroff) की जोड़ी वाली वार फिल्म यशराज के बैनर तले बनी है। फिल्म को डायरेक्ट किया है सिद्धार्थ आनंद ने। फिल्म में ऋतिक रौशन, टाइगर श्रॉफ के अलावा वाणी कपूर भी नजर आ रही है। माना जा रहा था कि ऋतिक रौशन और टाइगर श्रॉफ को इस फिल्म से काफी उम्मीदें थीं लेकिन फिल्म के रिलीज होने के साथ ही ऑनलाइन लीक हो जाने से कलाकारों की बेचैनी बढ़ गई है।
बता दें कि इस फिल्म के अनाउसमेंट के बाद से ही इस फिल्म को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था। सोशल मीडिया पर भी फिल्म को लेकर बज क्रिएट किए जा रहे थे। जब से फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ था तब से दर्शक इस फिल्म का इंतजार बेसब्री से कर रहे थे। लेकिन जैसे ही गांधी जंयती के मौके पर यह फिल्म रिलीज हुई चंद घंटों में तमिलरॉकर्स (Tamilrockers) ने इस फिल्म को आनलाइन लीक कर दिया
वैसे तो फिल्म समीक्षकों और लोगों की तरफ से फिल्म को खास अच्छा रिस्पांस मिल रहा था लेकिन अब जब यह फिल्म ऑनलाइन वेबसाइट पर लीक हो गई तो इसके बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर असर पड़ना तय माना जा रहा है।
आपका बता दें कि कुछ दिनों पूर्व मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलरॉर्क्स (Tamilrockers) के साथ ही उसकी तरह की तमाम आनलाइन पाइरेसी वेबसाइट को बंद करने का आदेश दिया था। बावजूद इसके ये पाइरेसी वेबसाइट नई नई फिल्मों को लगातार लीक करती रहीं हैं। तमिल रॉर्क्स फिल्में लीक करने के लिए आए दिन अपने डोमेन नेम बदलता रहता है। ताकि इसे आसानी से ट्रेक न किया जा सके।
ज्ञातव्य हो कि तमिलरॉर्क्स (Tamilrockers) वेबसाइट जैसा कि इसके नाम से साफ लगता है  पहले यह सिर्फ साउथ की फिल्में लीक करती थी। लेकिन कुछ सालों में इस वेबसाइट ने अपना दायरा इतना बढ़ा लिया है कि ये अब हॉलीवुड और बॉलीवुड तक की तमाम फिल्मों को रिलीज होते साथ ही लीक कर देती है। आलम तो ये है कि अब इस पाइरेसी वेबसाइट पर टीवी सीरियल्स और वेबसीरीज भी लीक होने लगी है।
उल्लेखनीय है कि तमिलरॉकर्स (Tamilrockers) ने इससे पहले भी ऋतिक रोशन की सुपर 30 को शिकार बनाया था। सुपर 30 भी रिलीज के दिन ही इस पर लीक कर दिया था।

Baadshaho movie review in hindi: Little gloss and a lot of disappointment in Ajay Devgn’s film



Baadshaho Movie Review in hindiअजय देवगन (Ajay devgan) एक अच्छे कलाकार है, और उनकी अदायगी का हर कोई दीवाना है | अपनी आँखों से ही बहुत कुछ बोल देने वाले अजय देवगन (Ajay devgan) की पिछली फिल्मे शिवाय (Shivaay) और एक्शन जैकसन (Action jackson) बॉक्स ऑफिस पर पूरी तरह से विफल रही। ऐसे में बादशाहों से (Baadshaho) अजय देवगन के सभी दीवानों को बहुत उम्मीद थी ।  यही हाल इमरान हाशमी (Emraan Hashmi)  का है, उनकी लास्ट फिल्म हमारी अधूरी कहानी (adhuri kahani) ने बॉक्स ऑफिस खिड़की पर पहुचने से पहले ही दम तोड़ दिया था | पिछले महीने आई इल्याना डी’क्रूज़ (Ileana D'Cruz)  की फिल्म मुबारकां (Mubaarkan) भी कुछ खास कमाल नही कर पायी और ईशा गुप्ता (Isha Gupta) को रुस्तम (Rustam movie) में किये गए छोटे से रोल के बाद किसी ने नही देखा | ऐसे में इन चारो कलाकारों के लिए बादशाहों (Baadshaho) बहुत अहम है |

फिल्म की पृष्ठभूमि 1975 के इमरजेंसी (Emergency) के दौर की है परन्तु सभी पात्र काल्पनिक है | ये इतने काल्पनिक है कि कभी कभी खुद निर्देशक को भ्रमित कर देते है | फिल्म को देखकर महसूस ही नही होता कि क्या ये वही तिकड़ी है जिसने वन्स अपॉन इन मुम्बई (Once upon in mumbai) जैसी फिल्म को चमकाया था | फिल्म को देखने से पहले आप अपने दिमाग से फिल्म के उस ट्रेलर को बिलकुल निकाल दीजिये जिसे आपने You Tube पर देखा होगा, जितना अच्छा ट्रेलर था उतनी ही कमजोर ये फिल्म है। इस फिल्म के लिए ये कहना गलत नही होगा कि ऊंची दुकान के फीके पकवान |
इमरजेंसी के दौरान जयपुर की महारानी गीतांजलि (इल्याना डी’क्रूज़) के महल पर छापा पड़ता है और महल में बिना ब्यौरा दिए रखी गयी सारी सम्पत्ति को सीज कर एक ट्रक में दिल्ली ले जाया जाता है | सीज सम्पत्ति को दिल्ली तक पहुचाने की जिम्मेदारी सहर (विद्युत जामवाल) की है और इस सफ़र में सहर की मुलाकात भवानी सिंह (अजय देवगन), संजना (ईशा गुप्ता), दलिया (इमरान हाशमी), तिकला (संजय मिश्रा) से होती है जो इन ट्रको को लूटना चाहते है | फिल्म में दर परत दर कई राज खुलते है | फिल्म में प्यार, धोखा, विश्वास हर प्रकार का इमोशनल ड्रामा होने के बावजूद फिल्म राइटर और निर्देशक की कमी से फिल्म का बंटाधार हो जाता है | फिल्म में कई किरदारों को ज़बरदस्ती ठुंसा गया है, साथ ही फिल्म में कोई ऐसा दमदार डायलॉग भी नही है, जो याद रखा जा सकते है, जो कि एक्शन फिल्मो की पहचान होते है |