Tuesday, April 14, 2020

Holi Festival or Lathmar holi 2020 significance, Katha, History in Hindi





Holi Festival or Lathmar holi 2020 significance, Katha, History in Hindi : बुराई पर अच्छाई की जीत के जश्न का दूसरा नाम है होली का त्यौहार, जिसमे रंगों एवम फूलों से जश्न मनाने की रीत सदियों से चली आ रही है। मुख्यता यह त्यौहार दो दिन तक चलता है, पहला दिन होलिका दहन और दूसरा धुलेंडी का। धुलेंडी के दिन ही रंगो से खेला जाता है। इस त्यौहार का मुख्य उद्देश्य दिल में भरे आपसी द्वेष को भूलना होता है, जिसके चलते हमे आपसी बैर को छोड़कर अपनों को गले लगा लेना चाहिए। खुलासा डॉट इन में जानिए होली का महत्व, इसका इतिहास और होलिका की कथा। साथ ही पढ़िए अलग अलग देशों में होली के त्योहार (Holi 2020) के बारे में विस्तार से।

भारत में फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है तथा चैत्र की प्रथमा के दिन रंग खेला जाता हैं। मगर क्या आप जानते है कि होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा हैं –

होली की कथा (Story of Holi Festival)

पौराणिक कथा के अनुसार, शक्तिशाली राजा हिरण्यकश्यप था, वह खुद को भगवान मनाता था और चाहता था कि हर कोई भगवान की तरह उसकी पूजा करें। वहीं अपने पिता के आदेश का पालन न करते हुए हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रहलाद ने उसकी पूजा करने से इंकार कर दिया और उसकी जगह भगवान विष्णु की पूजा करनी शुरू कर दी। इस बात से नाराज हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को कई सजाएं दी जिनसे वह प्रभावित नहीं हुआ।

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