Tuesday, April 14, 2020

Baadshaho movie review in hindi: Little gloss and a lot of disappointment in Ajay Devgn’s film



Baadshaho Movie Review in hindiअजय देवगन (Ajay devgan) एक अच्छे कलाकार है, और उनकी अदायगी का हर कोई दीवाना है | अपनी आँखों से ही बहुत कुछ बोल देने वाले अजय देवगन (Ajay devgan) की पिछली फिल्मे शिवाय (Shivaay) और एक्शन जैकसन (Action jackson) बॉक्स ऑफिस पर पूरी तरह से विफल रही। ऐसे में बादशाहों से (Baadshaho) अजय देवगन के सभी दीवानों को बहुत उम्मीद थी ।  यही हाल इमरान हाशमी (Emraan Hashmi)  का है, उनकी लास्ट फिल्म हमारी अधूरी कहानी (adhuri kahani) ने बॉक्स ऑफिस खिड़की पर पहुचने से पहले ही दम तोड़ दिया था | पिछले महीने आई इल्याना डी’क्रूज़ (Ileana D'Cruz)  की फिल्म मुबारकां (Mubaarkan) भी कुछ खास कमाल नही कर पायी और ईशा गुप्ता (Isha Gupta) को रुस्तम (Rustam movie) में किये गए छोटे से रोल के बाद किसी ने नही देखा | ऐसे में इन चारो कलाकारों के लिए बादशाहों (Baadshaho) बहुत अहम है |

फिल्म की पृष्ठभूमि 1975 के इमरजेंसी (Emergency) के दौर की है परन्तु सभी पात्र काल्पनिक है | ये इतने काल्पनिक है कि कभी कभी खुद निर्देशक को भ्रमित कर देते है | फिल्म को देखकर महसूस ही नही होता कि क्या ये वही तिकड़ी है जिसने वन्स अपॉन इन मुम्बई (Once upon in mumbai) जैसी फिल्म को चमकाया था | फिल्म को देखने से पहले आप अपने दिमाग से फिल्म के उस ट्रेलर को बिलकुल निकाल दीजिये जिसे आपने You Tube पर देखा होगा, जितना अच्छा ट्रेलर था उतनी ही कमजोर ये फिल्म है। इस फिल्म के लिए ये कहना गलत नही होगा कि ऊंची दुकान के फीके पकवान |
इमरजेंसी के दौरान जयपुर की महारानी गीतांजलि (इल्याना डी’क्रूज़) के महल पर छापा पड़ता है और महल में बिना ब्यौरा दिए रखी गयी सारी सम्पत्ति को सीज कर एक ट्रक में दिल्ली ले जाया जाता है | सीज सम्पत्ति को दिल्ली तक पहुचाने की जिम्मेदारी सहर (विद्युत जामवाल) की है और इस सफ़र में सहर की मुलाकात भवानी सिंह (अजय देवगन), संजना (ईशा गुप्ता), दलिया (इमरान हाशमी), तिकला (संजय मिश्रा) से होती है जो इन ट्रको को लूटना चाहते है | फिल्म में दर परत दर कई राज खुलते है | फिल्म में प्यार, धोखा, विश्वास हर प्रकार का इमोशनल ड्रामा होने के बावजूद फिल्म राइटर और निर्देशक की कमी से फिल्म का बंटाधार हो जाता है | फिल्म में कई किरदारों को ज़बरदस्ती ठुंसा गया है, साथ ही फिल्म में कोई ऐसा दमदार डायलॉग भी नही है, जो याद रखा जा सकते है, जो कि एक्शन फिल्मो की पहचान होते है |


No comments:

Post a Comment