Tuesday, March 3, 2020

दिल्ली दंगा: शाहरुख़ को दिल्ली पुलिस ने यूपी से गिरफ़्तार किया





24 फरवरी को दिल्ली के जाफ़राबाद इलाक़े में हेड कांस्टेबल दीपक पर रिवाल्वर तैनात किए हुए दिखाई देने वाले युवक शाहरुख़ को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है.
दिल्ली पुलिस के अधिकारिक सूत्रों ने शाहरुख़ की गिरफ़्तारी की पुष्टि की है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ इन्हें दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच की टीम ने उत्तर प्रदेश से गिरफ़्तार किया है.
दिल्ली दंगों के दौरान इस शख़्स के वीडियो की चर्चा सबसे ज़्यादा रही थी. इस वीडियो में शाहरुख़ दिन-दहाड़े पुलिस वाले पर पिस्तौल तान रहा है. इसके पीछे भीड़ है जो पत्थर फेंक रही है. लड़का लाल शर्ट पहने एक पुलिस वाले पर पिस्तौल ताने आगे की ओर बढ़ रहा है. लड़के के साथ भीड़ भी आगे की ओर बढ़ती है, इतने में गोली चलने की आवाज़ आती है.
द हिंदू के पत्रकार सौरभ त्रिवेदी ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा- ''एंटी- सीएए प्रदर्शनकरी जाफ़राबाद में फ़ायरिंग कर रहे हैं. इस शख़्स ने पुलिस वाले पर पिस्तौल तानी लेकिन वह अडिग खड़ा रहा.''
हालांकि यह भी कहा गया कि यह लड़का सीएए समर्थक प्रदर्शन का हिस्सा था. ये भी कहा गया कि इस लड़के के पीछे भगवा झंडे थे. ऐसे में इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब बीबीसी ने तलाशने की कोशिश की थी, जिसकी पूरी कहानी आप यहां पढ़ सकते हैं.
अंग्रेजी अख़बार द हिंदू के पत्रकार सौरभ त्रिवेदी सोमवार को घटनास्थल पर मौजूद थे और उन्होंने इस वीडियो के बारे में बीबीसी को बताया, ''मैं मौजपुर से बाबरपुर की ओर जा रहा था. तभी मुझे पता चला कि जाफ़राबाद और मौजपुर की सीमा के आस-पास वाहनों में आग लगी है, पत्थरबाज़ी जारी है. दोनों ओर से भीड़ आ रही थी. मैं जिस ओर था वहां सीएए के समर्थन में लोग खड़े थे. मेरे सामने जो भीड़ थी वो सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रही थी. उनमें से एक शख़्स आगे आया और उसके हाथ में पिस्तौल थी. पीछे से भीड़ पत्थरबाज़ी कर रही थी. उसने पुलिस वाले पर पहले पिस्तौल तानी और भागने को कहा लेकिन पुलिस वाला खड़ा रहा. इसके बाद उस लड़के ने लगभग आठ राउंड फ़ायरिंग की.''

सौरभ आगे बताते हैं, ''मेरे पीछे जो भीड़ थी वो जय श्री राम के नारे लगा रही थी. यानी दोनों भीड़ के बीच में एक पुलिस वाला खड़ा था. गोली चलाने वाला लड़का सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहा था.''
सौरभ से हमें इस घटना का बेहतर क्वॉलिटी वाला वीडियो मिला. इस वीडियो को देखने पर हमें पता चला कि भीड़ के हाथों में जिसे लोग भगवा झंडा बता रहे हैं वो दरअसल ठेले पर सब्ज़ी-फल रखने वाले प्लास्टिक के बॉक्स हैं. जिसे प्रदर्शनकारी शील्ड की तरह इस्तेमाल कर रहे थे.
हालांकि तमाम कोशिशों के बाद भी मोहम्मद शाहरुख़ के परिवार से हमारी कोई बात नहीं हो सकी है.
लेकिन प्रत्यक्षदर्शी और वीडियो को बारीक़ी से देखने पर दो चीज़ें साफ़ हैं कि मोहम्मद शाहरूख ना ही सीएए समर्थक प्रदर्शन का हिस्सा थे और ना ही उसके पीछे नज़र आ रही भीड़ के हाथों में भगवा झंडे थे.





1 comment:

  1. According to Stanford Medical, It's indeed the SINGLE reason women in this country get to live 10 years longer and weigh an average of 19 kilos lighter than we do.

    (And actually, it has totally NOTHING to do with genetics or some secret-exercise and EVERYTHING around "HOW" they eat.)

    P.S, I said "HOW", and not "what"...

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